
नरेंद्र मोदी की सरकार में कुछ मंत्रियों के बारे में आम धारणा यही है कि उनेक बोल बचन ज्यादा और काम कम हैं. इस बात का सबूत है कि नवादा से गिरिराज सिंह के खिलाफ वहां के वोटरों ने उनकी गुमशुदगी के पोस्टर ही लगवा दिए थे. भाजपा को उनका इसी कारण टिकट भी काटना पड़ा. अब वही मामला महेश शर्मा और वी.के सिंह के लिए देखने को मिल रहा है.
महेश शर्मा गौतम बुद्ध नगर और वीके सिंह गाज़ियाबाद से सांसद हैं और दोनों मंत्री भी हैं. महेश शर्मा के संसदीय क्षेत्र के ग्रेटर नोएडा इलाके में कई युवा “मोदी तुझसे बैर नहीं, महेश शर्मा तेरी खैर नहीं” जैसे नारों से उनका विरोध कर रहे हैं. यहाँ दनकौर के पास अस्तौली गावं में कुछ युवाओं ने इस नारे के साथ प्रदर्शन भी किया है. कई लोग सोशल मीडिया पर भी महेश शर्मा के खिलाफ कैंपेन चला रहे हैं. इन वोटर्स का कहना है कि शर्मा ने पांच साल में उनके इलाके में न तो कुछ खास काम किया और न ही वक़्त दिया. ये लोग भाजपा को साफ़ संदेश दे रहे हैं कि अगर प्रत्याशी नहीं बदला गया तो वह वोट के ज़रोये वे खुद नडाल देंगे.
उधर यूपी के गाज़ियाबाद में भी वही नज़ारा है. वहां के भाजपा कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि स्थानीय प्रत्याशी को ही बार टिकट दिया जाए. वह पहली बार 2014 में चुनाव लड़े और मोदी लहर में जीतकर मंत्री भी बने. अब भाजपा कार्यलय जाकर उनका विरोध कर रहे हैं. बता दें कि वीकी सिंह राज्प्प्त समुदाय से आते हैं आयर गाज़ियाबाद में राजपूतों का काफी दबदबा है. माना जाता है कि यही वजह है कि भाजपा नेतृत्व ने जातीय समीकरण साधने के लिए वीके सिंह को गाज़िताबाद से चुनाव लड़ाया था. जीत हासिल करने के बाद वीके सिंह को मंत्री पद भी मिल गया. लेकिन गाज़ियाबाद में स्थानीय कार्यकर्त्ता इस बात से नाराज़ हैं कि वीके सिंह ने संसदीय क्षेत्र में ज्यादा समय नहीं बिताया और यही वजह है कि लोगों की उनसे नाराजगी है.
अजब-गजब मंत्री: भाजपा के केन्द्रीय मंत्री महेश शर्मा ने कहा भगवान बेवक़ूफ़, और क्या कहा देखें
केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा का अभी एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वह कहते नज़र आ रहे थे, ‘रोजाना मिलता हूँ. किसी का फ़ोन गया हो तो वापस फ़ोन भी करता हूँ. काम हर किसी का करना भगवान के लिए भी संभव नहीं. सबसे बड़ा बेवक़ूफ़ इस मामले में अगर कोई है तो हम और आप नहीं हैं, वह ऊपर वाला भगवन ही है. हम सब उसी के तो बनाए हुए हैं. भगवान के ही बच्चे हैं. उसी की ज़िम्मेदारी थी कि जब हमें धरती पर भेजा है. हमारे लिए घर देता. बच्चों की पढ़ाई के लिए पैसा देता. हमारे जेब खर्च का इंतजाम करता. आज भी पूर्वी यूपी बलिया समेत अन्य जिलों में लोगो को भरपेट खाना नहीं मिलता. बच्चे जब स्कूल जाते हैं तो वह मिड-डे मील से ही पेट भरते हैं, बाक़ी भूखे रहते हैं.