अदनान सामी को पद्मश्री देने पर लोग क्या बोल रहे हैं?




अदनान सामी को भारत का नागरिकता मिलना और फिर उन्हें पद्म श्री सम्मान से नवाज़ा जाना यह बताता है कि हर पाकिस्तानी के अंदर एक संभावित भारतीय है.

अदनाम सामी कभी फिल्म इंडस्ट्री में पाकिस्तानी उबला हुआ अंडा कहे जाते थे. उबला हुआ अंडा उन्हें इसलिए कहा जाता था क्योंकि वह उजले और बहुत मोटे थे और पाकिस्तान उनका वतन था.

पाकिस्तान से काम की तलाश में आए अदनान सामी ने बॉलीवुड में अपना घर बनाया और अपने गानों से लोगों को लुभाया भी. वह संभवतः पहले पाकिस्तानी कलाकार हैं जिन्हें बॉलीवुड में काम भी मिला और साथ साथ नागरिकता भी मिली.

अदनान सामी ने कई फिल्मों में गाना गाया है और उनहोंने कुछ फिल्मों में एक्टिंग भी की है. बॉलीवुड में हमेशा से पाकिस्तानी कलाकारों को काम देने पर विवाद रहा है. विवाद दक्षिणपंथी पार्टियों और बॉलीवुड अभिनेताओं की ओर से भी रहा. सुपर स्टार अमिताभ बच्चन भी पाकिस्तानियों को बॉलीवुड में काम देने को लेकर विरोध में रहे हैं.

अदनान सामी का पाकिस्तानी कनेक्शन

अदनान सामी पाकिस्तानी नागरिक रहे हैं लेकिन वह आम पाकिस्तान नागरिक नही रहे. अदनान के पूर्वज का कनेक्शन पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान दोनों से रहा है. उनके दादा अफ़ग़ानिस्तान के कई प्रान्तों के गवर्नर रहे हैं. उनके वालिद पाकिस्तानी एयर फ़ोर्स के पायलट थे और ऐसा कहा जाता है कि वह 1971 में भारत के साथ पाकिस्तान के युद्ध के दौरान सक्रीय भी रहे हैं. बाद मे उनहोंने पाकिस्तनी सेना छोड़ दी और राजनयिक बने. अदनान सामी के वालिद 3 पाकिस्तानी राष्ट्रपति जिनमें जनरल ज़िया उल हक भी शामिल थे के ए.डी.सी. (aide-de-comp) रहे और बाद में विदेश मंत्रालय में 4 प्रधान मंत्रियों के प्रोटोकॉल चीफ़ रहे.

अदनान की तीन पत्नियाँ रहीं और इनमें दो पत्नियाँ पाकिस्तानी और एक अरब मूल की रहीं. मोदी सरकार के आने के बाद उनहोंने 26 मई, 2015 को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया था जिसे स्वीकृत किया गया. वह 1 जनवरी, 2016 से भारत के नागरिक हैं.

पद्म श्री सम्मान और अदनान सामी

अदनान सामी को 26 जनवरी 2020 को पद्म श्री सम्मान देने की घोषण राष्ट्रपति ने की है. इसके बाद इस पर विवाद शुरू हो गया है. लोग अदनाम सामी की तुलना असम के मोहम्मद सनाउल्लाह से करके मोदी सरकार के रवैये की आलोचना कर रहे हैं. लोग यह कह रहे हैं कि अदनान सामी जिनके पिता भारत के दुश्मन रहे हैं और उनहोंने भारत से युद्ध लड़ा है उनके बेटे को पद्म सम्मान देना कितना उचित है. ऐसा कहा जा रहा है कि एक पकिस्तानी मूल के व्यक्ति को आप प्रतिष्ठित सम्मान दे रहे हैं जबकि एक शख्स जिसने कारगिल युद्ध लड़ा उसे आप बंगलादेशी घोषित कर रहे हैं. उन्हें जेल भी जाना पड़ा और वह अभी बेल पर हैं, ऐसा क्यों?

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) ने सामी को पद्मश्री दिए जाने पर सवाल उठाया है. एमएनएस ने कहा कि आखिर ऐसी क्या जल्दबाजी थी कि भारत की नागरिकता मिलने के 4 साल के भीतर ही अदनान सामी को पद्मश्री (Padma Shri) से नवाजा गया. MNS की सिनेमा इकाई अध्यक्ष एमे खोपकर ने ट्वीट किया, ‘अदनान सामी मूल रूप से भारतीय नागरिक नहीं हैं. MNS का मानना है कि उन्हें कोई पुरस्कार नहीं दिया जाना चाहिए. हम सामी को पद्मश्री दिए जाने का विरोध करते हैं और मांग करते हैं उनसे ये सम्मान वापस लिया जाए.’

ट्वीटर पर एक यूजर ने लिखा है कि क्या इस बार उन लोगों को खास कर पद्म सम्मान दिया जा रहा है जिन्होंने केंद्र सरकार के CAA समेत अन्य कार्यवाइयों का समर्थन किया है. CAA के समर्थन में आई कंगना रनौत को भी पद्म सम्मान देने का निर्णय लिया गया है.

एक अन्य यूजर ने लिखा है कि अगर भक्त अदनान सामी के मूल देश को भूल जाना चाहते हैं तो वह करोड़ों मुसलमानों को मुगलों से जोड़ कर क्यों देखते हैं.

एक और यूजर लिखते हैं कि अच्छा है कि भक्त लोग अदनान सामी के पद्म श्री के समर्थन में हैं. इससे पता चलता है कि यह लोग मुस्लिम और पाकिस्तान के ख़िलाफ़ नहीं हैं. बल्कि यह उन लोगों के खिलाफ हैं जो इनके पापा (मोदी-शाह) के ख़िलाफ़ हैं.

ऐसे अदनान सामी ने ‘मेरे देश की धरती सोना उगले’ गाकर साबित कर दिया है कि हर पाकिस्तानी एक संभावित भारतीय है.

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