
पटना: राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता शिवानन्द तिवारी ने बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशिल कुमार मोदी पर बहुत गंभीर आरोप लगाया है. उनहोंने अपने WhatsApp सन्देश में कहा कि जब देश का अवाम शहीदों के ग़म में डूबा था तब सुशील मोदी जी अपने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ राजभवन में लखनवी चाट का आनंद ले रहे थे. अब वही सुशील मोदी दूसरों की देशभक्ति पर सवाल पूछ रहे हैं. मसूद अज़हर को लेकर उन्होंने लालू यादव पर सवाल उठाया है.
दैनिक जागरण की खबर के अनुसार, सुशिल मोदी ने कहा कि पुलवामा में भीषण आतंकी हमले के बाद ट्विटर पर जो दो मुखर लोग चुप हैं, उनके नाम हैं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और राजद प्रमुख लालू प्रसाद। वे दोनों न जैश-ए-मोहम्मद की निंदा कर सकते हैं और न ही आतंकवाद के शिकार सुरक्षा बल और भारत सरकार के साथ खड़े होने का हौसला रखते हैं। उन्होंने कहा कि संकट के समय ही पता चलता है कि असली दोस्त कौन है।
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इसका जवाब देते हुए राजद नेता ने कहा कि सुशील भूल रहे हैं कि मसूद अज़हर वही है जिसको भारतीय पुलिस ने पकड़ कर जेल में बंद कर दिया था. लेकिन इन्हीं की पार्टी की दिल्ली सरकार ने जम्मू की जेल से उसे निकालकर बहुत आदर के साथ कंधार पहुँचाया था. उसी मसूद ने जेल से निकलने के बाद हमारे संसद पर घातक हमला करवाया था. यह तो संसद के हमारे सुरक्षा प्रहरियों ने अपनी जान देकर उनको मार गिराया. नहीं तो पता नहीं क्या होता!
उनहोंने आगे कहा कि दरअसल सुशील ने राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के स्कूल से दीक्षा पाई है. हरिशंकर परसाई कहते हैं कि संघ अपने शिष्यों के दिमाग से बुद्धि और विवेक को निकाल कर उसे नागपुर की तिजोरी में बंद कर देता है.
तिवारी ने कहा कि सुशील मोदी और संघी जमात इस आतंकी घटना को हिंदुस्तान-पाकिस्तान के नज़रिए से नहीं बल्कि इसे हिंदू-मुसलमान के रूप में पेश करने की कोशिश रहा है. इनका प्रयास है कि लोग, ख़ासकर हिंदू समाज इसे इसी नज़रिए देखें. ताकि लोकसभा चुनाव में इसका लाभ उनको मिले. इनके लोगों ने कल इस तरह का नारा भी लगाया.
उनका कहना है कि यह नज़रिया देश का गंभीर अहित पहुँचाने वाला है. देश की सत्रह-अठारह करोड़ की आबादी वाले समूह को शक-सुबह की नज़र से देखना उन्मादी मानसिकता का परिचायक तो है ही साथ ही साथ यह हमारे संविधान की भावनाओं की विपरीत है. बल्कि इनका सहयोग लेकर ही इनके बीच के इक्का-दुक्का अतिवादी मानसिकता वाले को हम अलग-थलग कर कर सकते हैं.
राजद सहित महागठबँधन के साथियों पर यह अहम जवाबदेही है कि ऐसे उन्मादी तत्वों द्वारा समाज में ज़हर फैलाने की कोशिश पर नज़र रखें. समाज के सचेत और जागरूक लोगों को साथ लेकर कटुता फैलाने के इस तरह के प्रयास का प्रतिकार करें.
ज्ञात रहे कि पुलवामा में आतंकी हमले होने के बाद देश भर में धर्म और जाति से उठ कर लोग शहीद जवानों के परिवार वालों के साथ खड़े हैं. हालांकि भाजपा और आरएसएस की प्रायोजित भीड़ पूरे देश में माहौल खराब करने की कोशिश में लगी है. कल पटना में लहासा मार्केट में कश्मीरियों के लगे दुकानों में लूट पाट और मार पीट की गयी. इससे ऐसा लगता है कि शिवानन्द जो कह रहे हैं उनकी बात में सच्चाई है कि भाजपा इस पूरे काण्ड को वोट में बदलने की साज़िश कर रही है.