राजद को क्यों आपत्ति है के एस द्विवेदी के बिहार के नए पुलिस महानिदेशक बनने पर?




पटना (बिहार), 28 फरवरी, 2018 (टीएमसी हिंदी डेस्क) कृष्ण स्वरूप द्विवेदी बिहार पुलिस के नए महानिदेशक होंगे। वह अपने पूर्व अधिकारी पी के ठाकुर से पदभार संभालेंगे, जो आज से गृह विभाग की अधिसूचना के अनुसार सेवानिवृत्त हुए हैं।

के एस द्विवेदी कौन हैं?

के एस द्विवेदी वर्तमान में महानिदेशक (प्रशिक्षण) हैं और सिल्क सिटी, भागलपुर में जब भयानक सांप्रदायिक दंगा हुआ था जिसमें 1100 लोगों की हत्या की गयी थी,  तब उस शहर के पुलिस अधीक्षक थे। तत्कालीन मुख्यमंत्री सत्येंद्र नारायण सिन्हा ने अपनी आत्मकथा मेरी यादें, मेरी भूलें में लिखा है कि द्विवेदी दंगों को नियंत्रित करने में भागलपुर के पुलिस अधीक्षक के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में नाकाम रहे थे। दो सदस्यों न्यायाधीश शम्सुल हसन और न्यायमूर्ति आर.सी.पी. सिन्हा ने द्विवेदी को दंगों का दोषी भी माना था।



डीजीपी के रूप में द्विवेदी की नियुक्ति पर आरजेडी की ओर से आपत्ति जताई जा रही है। आरजेडी ने आरोप लगाया है कि नियुक्ति भाजपा और उसके “अभिभावक संगठन”, आरएसएस के निर्देश पर की गई है।

आरजेडी के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज झा ने कहा, “द्विवेदी 1989 में भागलपुर के पुलिस अधीक्षक थे जब भयानक सांप्रदायिक दंगों से भागलपुर तबाह हो गया था और जिस तरह से वह स्थिति को निपटने में विफल हुए उसकी बहुत आलोचना हुई थी।” “यह निर्णय नागपुर (आरएसएस मुख्यालय) द्वारा स्पष्ट रूप से लिया गया है और पटना ने इसे लागू किया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने राजनीतिक सहयोगी (भाजपा) के इशारे पर यह काम किया है, “उन्होंने कहा।

“भागलपुर दंगों पर पीएचडी करने के दौरान..उनसे बातचीत हुई थी और एहसास हुआ कि उनकी भूमिका के बारे में जो भी लिखा गया था वो सौ प्रतिशत सही था। बिहार में ‘प्रयोगशाला की तरह’ का प्रयोग होने जा रहा है… क्या हम 2018/19 बिहार में गुजरात 2002 की ओर बढ़ रहे हैं? “मनोज झा ने ट्वीट किया।

कहा यह भी जा रहा है है कि द्विवेदी ने बिहार में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की थी, जब भागवत का कार्यक्रम मुजफ्फरपुर में था। और उनका डीजीपी का बनना आरएसएस हस्तक्षेप से ही हुआ है।

द्विवेदी ने पत्रकारों से बात करते हुए राज्य में कानून और व्यवस्था का आश्वासन दिया है। द्विवेदी ने घोषणा के बाद संवाददाताओं से कहा, “मेरी प्राथमिकता कानून के नियम को मजबूत करना, वित्तीय अपराधों में कमी लाना और पुलिस में लोगों के विश्वास को बढ़ाना होगा।”

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