
साल 2007 में गोरखपुर के दंगों में भड़काऊ भाषण के मामले में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मुश्किलें बढ़ गई हैं. सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है. ये नोटिस साल 2007 में गोरखपुर में सीएम योगी की हेट स्पीच से संबंधित है.
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि हेट स्पीच के लिए अभियोग चलाने की मंजूरी को लेकर कानून के मुताबिक ट्रायल कोर्ट फिर से सुनवाई के साथ ही ट्रायल कोर्ट अपने फैसले में विस्तृत कारण भी लिखने का आदेश जारी किया है.
दरअसल 2007 में गोरखपुर से तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ को शांतिभंग और हिंसा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में योगी आदित्यनाथ को 11 दिनों की पुलिस हिरासत में रखा गया था. योगी पर आरोप था कि उन्होंने दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प में एक शख्स की मौत के बाद अपने समर्थकों के साथ जुलूस निकाला. इस दौरान योगी ने भड़काऊ भाषण भी दिया.
इस मामले में गोरखपुर के सेशन कोर्ट ने हेट स्पीच केस में सुनवाई बंद कर दी थी लेकिन याचिकाकर्ता रशीद खान ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. जनवरी 2018 में हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया था. रशीद खान ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की. HC ने गोरखपुर सत्र न्यायालय के आदेश को बरकरार रखा जिसने मजिस्ट्रेट के आदेश को रद्द कर दिया था. HC ने योगी पर मुकदमा चलाने के लिए मंजूरी देने के लिए योगी सरकार के इनकार (मई 2017 में) को भी स्वीकार कर लिया.
आपको बताते चले कि इस साल 20 अगस्त को, एससी ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया था.