
यूनिसेफ स्थापना दिवस के अवसर पर भारत की यात्रा के दौरान बिहार में नवजात शिशुओं और किशोरों से मिले यूनिसेफ के वैश्विक उप कार्यकारी निदेशक उमर आब्दी
आप लोग स्वंय नेतृत्वकर्ता हैं. बाल विवाह और दहेज के खिलाफ आप जिस साहस के साथ खड़े हैं वह प्रेरणादायक है. आप अपनी शिक्षा जारी रखें और आप जो हासिल करना चाहते हैं उसे प्राप्त कर सकते हैं. बिहार के बच्चे और किशोरों को सही अवसर दिए जाये तो वो बिहार और देश का भविष्य बदल सकते हैं. परिवर्तन और साहस की आपकी कहानियां कई अन्य लड़कियों और लड़कों को प्रेरणा दे रही हैं. उक्त बातें यूनिसेफ के वैश्विक उप कार्यकारी निदेशक उमर आब्दी ने किशोरियों के एक समूह के साथ बातचीत के दौरान कहा जो अपने समुदायों में बाल विवाह के खिलाफ लड़ रही हैं.
अपने 5 दिवसीय पहले भारतीय दौरे के दौरान यूनिसेफ के वैश्विक उप कार्यकारी निदेशक उमर आब्दी ने बिहार में यूनिसेफ के सहयोग से चलाये जा रहे कार्यक्रम देखने के लिए समय निकाला. आब्दी 12-13 दिसंबर 2018 को भारत सरकार द्वारा आयोजित मातृ, नवजात और बाल स्वास्थ्य पर पार्टनर ‘फोरम में भाग लेने के लिए भारत आएं हैं.
इससे पहले, आब्दी ने अतुल प्रसाद, सामाजिक कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव और डॉ एन विजया लक्ष्मी, प्रबंध निदेशक, महिला विकास निगम के साथ यूनिसेफ के बिहार सरकार के सहयोग और अन्य मुद्दों पर चर्चा की. इस दौरान यूनिसेफ इंडिया के डिप्टी कंट्री हेड, यूनिसेफ बिहार के चीफ असदुर रहमान, यूनिसेफ बिहार और महिला विकास निगम के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित रहे.
अतुल प्रसाद ने बाल स्वास्थ्य, पोषण, स्वच्छता, शिक्षा और संरक्षण के क्षेत्रों में राज्य सरकार को यूनिसेफ के सहयोग की सराहना की. प्रसाद ने कहा कि शिक्षा बच्चों के लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं जिसपर ध्यान देने की जरूरत है. मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के बारे में बताते हुए उन्होनें कहा कि इस योजना का उद्देश्य कन्या भ्रूण हत्या को रोकना एवं कन्याओं के जन्म निबंधन और संपूर्ण टीकाकरण को प्रोत्साहित करना, लिंग अनुपात में वृद्धि लाना, बालिका शिशु मृत्यु दर को कम करना, बालिका शिक्षा को बढ़ावा देना, बाल विवाह पर अंकुश लगाना और कुल प्रजनन दर में कमी लाना भी शामिल है. मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना (एमकेयूवाई) को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 3 अगस्त 2018 को लॉन्च किया था. इस योजना के तहत प्रत्येक लड़की को योजना के विभिन्न घटकों के तहत 54,100 रुपये तक की आर्थिक सहायता मिलेगी. इस योजना में एक लड़की के जन्म से लेकर स्नातक स्तर की पढ़ाई तक सहयोग किया जायेगा और इसे संयुक्त रूप से समाज कल्याण, स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग द्वारा कार्यान्वित किया जाएगा.
इस अवसर पर महिला विकास निगम की प्रबंध निदेशक डॉ एन विजया लक्ष्मी ने बाल विवाह समाप्त करने के लिए बिहार की पहल पर विस्तृत प्रस्तुति दी. बिहार सरकार ने बाल विवाह और दहेज खत्म करने के लिए एक राज्यव्यापी अभियान बिहार सरकार द्वारा 2 अक्टूबर 2017 को लॉन्च किया था. इस अभियान के तहत किशोर लड़कियों के समूह, चाइल्ड लाइन, समुदाय, पुलिस, महिला हेल्पलाइन और बाल विवाह रोकथाम अधिकारी के हस्तक्षेप के माध्यम से कुल 972 बाल विवाहों को रोका गया था. उन्होंने कहा, “हम कौशल निर्माण कार्यक्रमों के साथ जोड़ कर 972 चैंपियन का एक नेटवर्क बनाने की योजना बना रहे हैं ताकि वे अपने सपनों को प्राप्त कर सकें.”
बिहार के प्रयासों के लिए अपनी प्रशंसा व्यक्त करते हुए आब्दी ने कहा, “दुनिया बाल विवाह को समाप्त करने के लिए बिहार के मॉडल को देख रही है और इससे सीख रही है. उन्होंने एक ऐसा समाज बनाने पर जोर दिया जहां लड़कियों, किशोरों और युवाओं के लिए शिक्षा और स्किलिंग के अवसर हो और इस संबंध में यूनिसेफ के द्वारा राज्य सरकार को निरंतर समर्थन का आश्वासन भी दिया.
आब्दी ने पलंगा, फुलवारी शरीफ, पटना में आदर्श इंटरमीडिएट स्कूल का दौरा किया, जहां उन्होंने बाल विवाह के किशोर चैंपियन, कौशल प्रशिक्षण के लाभार्थियों, एवं मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना और स्कूली लड़कियों के साथ बातचीत की. उनके प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा, “आप चेंज मेकर हैं. परिवर्तन और साहस की आपकी कहानियां कई अन्य लड़कियों और लड़कों को प्रेरणा दे रही हैं.”
उन्होंने पंचायत नेताओं, स्वयं सहायता समूह के सदस्यों, महिला हेल्पलाइन, आंगनवाड़ीकर्मियों के साथ भी बातचीत की और गहरी जड़ वाले पितृसत्तात्मक, सामाजिक मानदंडों को बदलने में उनके पहल की सराहना की, जो बाल विवाह, बाल श्रम और लड़कियों और लड़कों के दुरुपयोग को रोकते हैं. उन्होंने आगे कहा कि “समुदाय के नेताओं को नई सामाजिक रीतियाँ और परम्पराएं बनाना चाहिए जो लड़कियों को मूल्यवान और सशक्त बनाएं. आप नई और सही शुरूआत कर सकते हैं. जहां बच्चों का सम्मान हो और लड़कों को बचपन से ही लड़कियों का सम्मान करना सिखाया जाएं.
दिल्ली में, आब्दी प्रधान मंत्री और अन्य वरिष्ठ मंत्रियों के साथ-साथ वैश्विक विशेषज्ञों से मुलाकात करेंगे, जो पार्टनर फोरम (पी एम एन सी एच) में भाग लेने के लिए आये हैं और दुनिया भर में मातृ, बच्चे और नवजात शिशु और किशोर स्वास्थ्य देखभाल में सुधार के लिए अपने अनुभव साझा करेंगे.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की. मून द्वारा 01 अगस्त 2014 को उमर अब्दी को संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) के उप कार्यकारी निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया था. आब्दी यूनिसेफ के वैश्विक मानवतावादी और विकास कार्यक्रमों की देखरेख करते हैं. विकास अर्थशास्त्र में पीएचडी आब्दी के पास अंतरराष्ट्रीय विकास के क्षेत्र में 30 से अधिक वर्षों का अनुभव है और वो यूनिसेफ में पाकिस्तान, घाना और लाइबेरिया जैसे देशों के प्रतिनिधि के रूप में कार्य कर चुके हैं.