गाय, भिखारी और बन्दर वाले भारतीय शहर दिल्ली की रिपोर्ट पर केजरीवाल के नेतृत्व का प्रचार




भला हो हम देशवासियों का कि हम सच्चाई की तह में जाने के आदि नहीं. वरना भारत में भाजपा और आम आदमी पार्टी (खुद को बधाई देने वाली देश की मात्र दो पार्टी) की फैक्ट चेकिंग में पूरी पत्रकारिता लग जाए.

इसका ताज़ा उदाहरण worldcities.org नाम की वेबसाइट द्वारा प्रकाशित दुनिया के 100 शीर्ष शहरों की सूची में दिल्ली का 62वां स्थान प्राप्त करना और इस पर मनीष सिसोदिया और अरविन्द केजरीवाल का खुद को बधाई देना है.

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के पोस्ट को दोबारा ट्वीट करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री लिखते हैं “सभी दिल्ली वालों के लिए एकदम बढ़िया ख़बर. सभी दिल्ली वालों ने इन छह सालों में इतना काम किया कि ऐसा संभव हो पाया. दुनिया दिल्ली में हुए सकारात्मक बदलाव को देख रही है.”

हा, हा और हा! कोरोना का कहर, दिल्ली दंगे का मातम, बढ़ता प्रदूषण यह सब भी दुनिया देख ही रही होगी.

इसी को अंग्रेज़ी में पढ़ें : Happy that Delhi is among World’s Best Cities? Read what the intro says

अब देखिए मनीष सिसोदिया क्या लिखते हैं. उन्होंने दिल्ली को इस रिपोर्ट में 62वां स्थान मिलने पर केजरीवाल के नेतृत्व को श्रेय दिया है. वह लिखते हैं “बधाई दिल्ली के सभी गौरवान्वित वासियों को और अरविन्द केजरीवाल को उनकी नेतृत्व के लिए. हमारी प्यारे दिल्ली दुनिया के बीस श्रेष्ठ शहरों में है. इस सूची में देश का एक मात्र यह शहर है.”

आगे वह लिखते हैं, “यह पहले 81 पर था, इसमें बहुत महत्वपूर्ण सुधार हुआ है.”

इस रिपोर्ट के अनुसार, 2019 की रैंकिंग 81 थी और इस बार की रैंकिंग 62 है. इस रैंकिंग में लाभ का मनीष सिसोदिया ने कारण नहीं बताया. बताया कि यह केजरीवाल के नेतृत्व का सवाल है. बहुत बढ़िया. मैं बताता हूँ. 2019 और 2020 के बीच में दिल्ली में जो महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं वह पहला दिल्ली दंगे और दूसरा कोरोना का बढ़ता कहर जिसमें दिल्ली के मुख्य मंत्री बुरी तरह फेल हुए. केंद्र और राज्य सरकार दोनों के संयुक्त प्रयास से भी दिल्ली में कोरोना को रोका नहीं जा सका.

इस रिपोर्ट में दिल्ली की रैंकिंग केवल इसलिए बेहतर हुई है क्योंकि कोरोना और दुसरे कारणों से कई अछे शहरों की रैंकिंग नीचे गयी है. उदाहरण के लिए, सैन जोस की तंकिंग 25 से गिरकर 64 हो गया. ऑस्टिन 40 से 54 पर आ गया.

Resonance Consultancy नामक कंपनी की WorldCities.org की वेबसाइट हर वर्ष दुनिया के शहरों का आकलन करता है और विभिन्न पैमाने पर शहरों को रैंकिंग प्रदान करता है. इस कंपनी के दावे के अनुसार रैंकिंग देने के इसके छह पैमाने जगह, उत्पाद, प्रोग्रामिंग, लोग, समृद्धि और प्रमोशन है.

स्थान शहर की प्राकृतिक और निर्मित पर्यावरण की गुणवत्ता को दर्शाता है, जिसमें मौसम, सुरक्षा, आस-पड़ोस और ऐतिहासिक स्थान, और बाहर घूमने की जगह शामिल हैं। उत्पाद शहर की प्रमुख संस्थाएँ, आकर्षण और बुनियादी ढाँचे हैं जिनमें शहर से एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी, आकर्षण, संग्रहालय, विश्वविद्यालय की रैंकिंग, कन्वेंशन सेंटर इत्यादि की उप-श्रेणियां शामिल हैं जो किसी सरकार की उपलब्धियां दिखाती है. प्रोग्रामिंग शहर में कला, संस्कृति, मनोरंजन और व्यंजन के दृश्य जैसे दिल्ली के पराठे वाली गली इत्यादि (जो ज़माने से है, केजरीवाल ने कोई हाट तक अभी विकसित नहीं किया है), खरीदारी, संस्कृति, रेस्तरां और नाइटलाइफ़ की उप-श्रेणियां शामिल हैं। लोग शहर में बाहर से आकर बसने वाले लोगों की दर और विविधता है, जिसमें विदेश में जन्मे लोगों और उनकी शिक्षा शामिल है. समृद्धि में शहर में रोज़गार और कॉर्पोरेट जिनमें फॉर्च्यून 500 कंपनियों के प्रमुख कार्यालय और घरेलू आय की उप-श्रेणियों के साथ-साथ रोजगार दर और आय समानता भी शामिल है जबकि प्रमोशन शहर के बारे में ऑनलाइन साझा की जाने वाली कहानियों, संदर्भ और सिफारिशे हैं, जिनमें Google खोज परिणाम, Google रुझान, फेसबुक चेक-इन, इंस्टाग्राम हैशटैग और ट्रिप एडिटर की समीक्षा की उप-श्रेणियां शामिल हैं।

दिल्ली ने अपनी रैंकिंग स्थान और प्रमोशन के कारण पायी है जिसमें दिल्ली सरकार का कोई योगदान नहीं है.

इस सूची में शीर्ष 10 शहरों में क्रमशः लन्दन, न्यू यॉर्क, पेरिस, मास्को, टोक्यो, दुबई, सिंगापुर, बार्सिलोना, लोस एंजेलस और मेड्रिड है.

रिपोर्ट में दिल्ली का परिचय

मनीष सिसोदिया और अरविन्द केजरीवाल ने एक दुसरे को बधाई देने की जल्दी में दिल्ली को पेश कैसे किया गया उसकी उपेक्षा कर गए.

दिल्ली को 62वां स्थान देते समय रिपोर्ट ने इसका परिचय ऐसे शुरू किया है:

टे-टे, पै-पें और गाय की आवाज़! वैन, स्कूटर, रिक्शा, स्ट्रीट फूड विक्रेता, भिखारी, गाय और यहां तक कि बंदर भी भारतीय राजधानी में एक साथ रहते हैं। दिल्ली की तरह व्यस्त, धड़काने वाली गति से चलने वाले धरती पर कम ही स्थान हैं, जो अपनी जगह के लिए 18वें स्थान और घूमने की जगह और ऐतिहासिक भवनों के लिए #29 रैंकिंग को बयान करते हैं। दरअसल, दिल्ली एक ऐसा शहर है, जो पिछले शहर के खंडहरों पर बसा है, और आज पर्यटक सदियों पुराने किलों, मकबरों, दरगाहों और मस्जिदों को देख कर बीते युगों का पता लगा सकते हैं।

पिछली सरकारों मे दिल्ली का स्थान

अगर हम बात करें कि दिल्ली का स्थान केजरीवाल के आने से पहले क्या था तो आम आदमी पार्टी के नेताओं की खुद को बधाई देने वाली प्रवृत्ति की धज्जियां उड़ती दिखती हैं.

दिल्ली हमेश से ही देश में ही नहीं बल्कि दुनिया में अपना बेहतर स्थान रखता है.
Economic Times में छपी इस रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली 2010 में देश में व्यापार करने के लिए सबसे बेहतर शहर था जो केंद्र और राज्य सरकार दोनों की नाकामी के कारण ख़राब हुई है.

इसी तरह 2010 में Business Insider में छपी रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के श्रेष्ठ 50 में दिल्ली का स्थान 36वां था. यह रिपोर्ट Knight Frank द्वारा 2009-2010 के लिए प्रकशित की गयी थी.

और हाँ, 2028 की डब्ल्यू एच यू के अध्ययन के अनुसार, नई दिल्ली दुनिया के 61 देश की राजधानियों में से पहले पायदान पर था और यह तमगा लगातार बना हुआ है.

तो आदरणीय केजरीवाल जी, खुद की पीठ थपथपाना बंद कीजिए. और ईमानदारी से काम कीजिए. पांच साल दूर नहीं होता.

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