
गया के सचदेवा के हत्या का आरोपी रॉकी यादव की माँ और इसी से संबंधित शराब काण्ड में बेल पर चल रहीं मनोरमा देवी गया में प्रधानमंत्री के एक चुनावी कार्यक्रम में कल प्रधान मंत्री मोदी और बिहार के मुख्य मंत्री नीतीश के साथ दूसरी कतार में दिखाई पड़ीं. मनोरमा देवी का यह वीडियो वायरल हो रहा है.
गया के सचदेवा हत्याकांड से और शराब काण्ड से जुडी मनोरमा देवी #NitishKumar और #NarendraModi के साथ स्टेज शेयर करती हुई . इससे पहले बेगुसराय में मुजफ्फरपुर बालिका रेप काण्ड से जुडी मंजू देवी ने गिरीराज साथ स्टेज शेयर किया#DeshKeLiyeModi #HumHainDeshKeWafadaar #WednesdayWisdom pic.twitter.com/wHKVhKHI12
— The Morning Chronicle (@TMCDotIN) April 3, 2019
गया के बारहवीं के विद्यार्थी सचदेवा की हत्या रॉकी यादव ने सड़क पर कहा सुनी के बाद कर दी थी. इसके बाद रॉकी को गिरफ्तार करने के क्रम में मनोरमा देवी के घर की तलाशी के दौरान शराब मिले थे. इसी मामले में उन्हें जेल भेज दिया गया था. अभी वह बेल पर हैं और उनका बेटा जेल में है.
इससे पहले बेगुसराय से भाजपा के उम्मीदवार गिरिराज सिंह के बेगुसराय में हुए कार्यकर्त्ता सम्मलेन में गिरिराज सिंह के पीछे मुजफ्फरपुर बालिका बलात्कार काण्ड से जुड़े आर्म्स रिकवरी के मामले में बेल पर चल रहीं मंजू वर्मा भी देखी गईं.
मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले में मंजू के पति इस काण्ड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के सह-अभियुक्त हैं. पुलिस इस क्रम में जब मंजू वर्मा के घर की तलाशी ले रही रही थी तब उनके बेडरूम से प्रतिबंधित हथियार मिले थे. इस मामले में बिहार पुलिस ने उन्हें जेल भेज दिया था. अभी वह बेल पर हैं. उनके पति अब भी जेल में हैं.
चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर अब सवाल उठा रहे हैं. आम चुनाव से ठीक पहले NaMo टीवी का उद्घाटन आचार संहिता का उल्लंघन माना जा रहा है, वहीँ प्रधान मंत्री पर बन रही विवेक ओबेरॉय अभिनीत बायोपिक पर भी चर्चा शुरू हो गयी है. NaMo टीवी को लेकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी. हालांकि इसका असर थोड़े देर के लिए यह हुआ कि इसका नाम Content TV कर दिया लेकिन फिर इसे Namo टीवी के नाम से चलाया जा रहा है.
नरेंद्र मोदी की विवेक ओबेरॉय अभिनीत बायोपिक PM Narendra Modi 5 अप्रैल को रिलीज़ होने वाली है जिसमें नरेंद्र मोदी को महान हीरो के तौर पर पेश किया गया है. इस पर रोक को लेकर मुंबई हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका भी दायर की गयी थी जिसे मुंबई हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और जस्टिस एनएम जामदार ने यह कह कर निरस्त कर दिया यह कह कर कि इसे चुनाव आयोग संभाल सकती है.
चुनाव आयोग की ओर से इस पर अभी तक कोई जवाब नहीं आया है. वहीँ कल राफेल सौदे से संबधित एन. राम के आलेख पर आधारित तमिल भाषा में प्रकाशित एक पुस्तिका को इलेक्शन स्क्वाड की एक टीम ने ज़ब्त कर इसकी रिलीज़ को रोकने की कोशिश की थी. बाद में फिर इसे किसी तरह से रिलीज़ किया गया. चुनाव आयोग में शिकायत के बाद यह रिलीज़ हो सका.