
2019 लोकसभा चुनाव में सबसे चर्चित सीट वाराणसी से (सपा -बसपा) गठबंधन अपना प्रत्याशी बदल सकता है. जानकारी के मुताबिक शालिनी यादव की जगह BSF के बर्खास्त जवाब तेज बहादुर को गठबंधन प्रत्याशी बनाया सकता है. जिनकी घोषणा आज हो सकती है.
शालिनी यादव कांग्रेस छोड़कर सपा में शामिल हुईं थीं. वाराणसी लोकसभा सीट से सपा-बसपा गठबंधन की ने शालिनी यादव को अपना प्रत्याशी बनाया था हांलाकि शालिनी यादव ने अभी अपना नामांकन नहीं भरा है.
वाराणसी लोकसभा सीट के लिए नामांकन के तीसरे दिन BSF से बर्खास्त फौजी तेजबहादुर यादव भी नामांकन करने पहुंचे थे. नामांकन से पूर्व उनका जुलूस नदेसर से निकला और कलेक्ट्रेट परिसर में पहुंचा था.
जुलूस में शामिल लोगों ने उस दौरान चुनाव लड़ने के लिए दानपात्र में लोगों से आर्थिक सहयोग भी मांगा था. जुलूस में बाहर से आए समर्थकों के साथ कई स्थानीय लोग भी शामिल थे. तेजबहादुर के समर्थन में कई रिटायर्ड व सेना से बर्खास्त फौजी भी नामांकन जुलूस में शामिल हुए थे.
तेज बहादुर यादव ने कुछ दिनों पूर्व ही सरकार की नीतियों के खिलाफ रोष जताते हुए पीएम के खिलाफ चुनाव लडने की इच्छा जाहिर की थी. हालांकि कलेक्ट्रेट में अपना नामांकन करने पहुंचे बर्खास्त फौजी का शपथपत्र पूरा नहीं होने पर नामांकन रोक दिया गया था.
ऐसे में गठबंधन तेजबहादुर को अपना प्रत्याशी बनाकर चुनाव मैदान में उतार सकता है. नामांकन का कल अंतिम दिन है. लोकसभा चुनाव के सातवें चरण के लिए नामांकन दाखिले का काम 22 अप्रैल से शुरू हो गया है यह प्रक्रिया 29 अप्रैल तक चलेगी.
कौन हैं शालिनी यादव
शालिनी यादव कांग्रेस के पूर्व सांसद और राज्यसभा के पूर्व उपसभापति श्यामलाल यादव की पुत्रवधू हैं. शालिनी यादव 22 अप्रैल को समाजवादी पार्टी में शामिल हो गईं. शालिनी यादव ने कहा था कि वे अखिलेश यादव की नीतियों से प्रभावित होकर पार्टी में शामिल हुईं हैं.
शालिनी बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) से अंग्रेजी में ग्रैजुएट हैं और उनके पास फैशन डिजाइनिंग में भी डिग्री है. शालिनी यादव इससे पहले 2017 के वाराणसी के मेयर चुनाव में भी अपनी किस्मत आजमा चुकी हैं. हालांकि वह चुनाव हार गई थी. शालिनी यादव के ससुर श्यामलाल यादव ने 1984 में हुए लोकसभा चुनाव में वाराणसी संसदीय सीट से चुनाव लड़ा था और विजयी रहे थे.
सोर्स : टीवी9